Manushya Jaisa Sochtha Hai ( मनुष्य जैसा सोचता है! ) ( जेम्स एलन ) (AS A MAN THINKETH) HINDI
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'As a Man Thinketh' by James Allen is now available in Hindi language. लेखक जेम्स एलन की दूसरी पुस्तक ‘ एज़ ए मैन थिन्केथ’ पहली बार सन् 1902 में प्रकाशित हुई थी, अब उसके संशोधित संस्करण को प्रकाशित करते हुए हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है। यद्यपि यह उनका बहुत ही संक्षिप्त परन्तु बेहद प्रसिद्ध और अर्थपूर्ण कार्य है, फिर भी वे इससे संतुष्ट नहीं थे। इसे प्रकाशित करवाने के लिए उनकी पत्नी बड़ी मुश्किल से उन्हें राज़ी करवा पायीं। तभी से ‘विचार और मन’के सन्दर्भ में यह पश्चिमी रहस्यवादी परम्परा पर अत्यन्त प्रभावी पुस्तक मानी जाती रही है। इसका प्रथम संस्करण डिवाइन ब्लिस पब्लिकेशन्स’ ने 2014 में प्रकाशित किया है, जिसमें 1902 के प्रथम संस्करण की भाषा को सरल बनाने के लिहाज़ से विषय-वस्तु में बस इतनी ही छेड़छाड़ की गयी है, जिससे इसे पाठकों द्वारा आसानी से समझा जा सके। एलन के दर्शन की स्वाभाविकता एवं भावों के प्रवाह के आकर्षण को बनाये रखकर, हर दिल तक उनकी बात पहुँचाने की दृष्टि से, उनकी शैली को बरक़रार रखने का पूरा प्रयास किया गया है। पाठकों की सुविधा के लिए अब हम इसका हिन्दी भावानुवाद भी प्रकाशित कर रहे हैं। हमें आशा है कि हमारे हिन्दी भाषी पाठक इस से प्रेरणा लेकर लाभान्वित होंगे।
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